सोमवार, 26 जनवरी 2009

आज फ़िर................

आज फ़िर किसी ने मेरा दिल दुख दिया ,
मेरे जज्बातों को ठहाकों में उड़ा दिया !!
चाहते है ,अपनों के आँसूओं को पोंछना ,
आज फ़िर अपनों ने ही रुला दिया !!
कहते है असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है ,
ज़माने ने हमें इसी सीढ़ी पर गिरा दिया !!
गिर सकता हूँ, पर रुकूंगा नही ,
कुछ पल रुक भी जाऊं तो , पीछे हटूंगा नही !!
मेने अन्दर छिपे "मै" को फ़िर से जगा लिया ,
जीने को चाह ने ,जीना सिखा दिया !!
गिरना- उठना , उठना -गिरना होगा बार- बार ,
दुनिया होगी उसकी मुट्ठी में जो कभी न माने हार !!
जनता हूँ आंखों में जो सपने है पूरे होंगे ,तब भी ,
आज फ़िर उन आँखों को डबडबा लिया !!
निराशाओं के साथ -ही -साथ है , आशाऐ ,
असफलता ने मुझे शायर बना दिया !!------विभोर सोनी

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