जिन्दगी पाना और खोना है ,
कुछ पाकर खोना है , कुछ खो कर रोना है .
है ,ये आदमी की फितरत अपनों के दुखों में शामिल होना,
जो मिला नही उसके लिए रोना ,और जो मिला उसे खोना है .
प्यार है वो ,जो मिल गया तो माटी खो गया तो सोना है ,
माटी के न मिलने पैर क्या रोना ,सोने के खोने पर खुस होना है .
अपने ग़मों को समेट कर अकेले में रोना,
गर कोई पूछे तो अपने दुखों का रोना ख़ुद रोना है .
सब कुछ छूट जाएगा ,सिर्फ यादों को साथ होना है ,
आज हमें अपने ह्रदय को स्नेह रस से भिगोना है .
अपनी खुसी में गैरों को शामिल करना ,
गैरों के गम में भी शामिल होना है .
जो कल बीत चुका उसके लिए क्या रोना ,
आने वाले कल में फ़िर कुछ नया होना है .
जीवन डोर में आशाओं के मोटी पिरोना है .
न बीते बीते हुए कल को याद कर रोना ,
न आने वाले कल को सोचकर चिंतित होना है ,
हमे तो बस आज में जीना ,और आज में ही होना है .
एक दिन सभी हमें ,और हम सभी को छोड़ जायेंगे ,
म्रत्यु शैय्या पर अकेले ही सोना है ,
तो फ़िर किस बात का रोना है .
बाकी रही आज की बात , है नही ये राज की बात ,
जो लिख दिया उस खुदा ने बन्दे की तकदीर में , वही होना है ,वही होना है . -------विभोर सोनी
बहुत खूब लिखा है आपने।
जवाब देंहटाएंजो मिला नही उसके लिए रोना ,और जो मिला उसे खोना है .
अच्छा लिखा. लिखते रहिये.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये.
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उल्टा तीर
अच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएंस्वागत हैं आप का ।
जवाब देंहटाएंमैं केरल का एक ब्लोगर, मलयलम मैं और थोड़ा थोड़ा हिन्दी में भी ब्लोग्ता हूँ ।
kya likha hai aur kiske liye likha hai,
जवाब देंहटाएंpar jo bhi likha hai bada khob likha hai.
Yuvraj Deshmukh
bahut badiya
जवाब देंहटाएंkya khona hai,kya rona hai
soachte to sab hain par vichron ko abhiwakt karna bahut badi baat hai
bahut accha
आपका और आपके ब्लॉग का स्वागत है ..
जवाब देंहटाएंअनिल कान्त
मेरा अपना जहान